वेद प्रचार सप्ताह एवं वार्षिकोत्सव का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुभारंभ
आर्य समाज मंदिर विकासनगर में यज्ञ–हवन, विद्वानों ने दी धर्म और संस्कृति पर सारगर्भित व्याख्या
विकासनगर।,( उत्तराखंड बोल रहा है )आर्य समाज मंदिर विकासनगर में वेद प्रचार सप्ताह एवं वार्षिकोत्सव समारोह का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुआ। पुरोहित चंदन शास्त्री जी ने यज्ञ–हवन संपन्न कराया। इस अवसर पर तजेंद्र धीमन और रोहित रोहिला सपरिवार यजमान बने।
कार्यक्रम का संचालन प्रधान नरेंद्र वर्मा जी ने किया। गुरुकुल पौधा से पधारे आचार्य धनंजय जी ने सभा को संबोधित करते हुए आर्य समाज के प्रथम नियम— सब सत्य विद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं उनका आदि मूल परमेश्वर है— की विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने कहा कि असत्य, अधर्म और अविवेक को त्यागकर सत्य, धर्म और विवेक को अपनाने वाला ही सच्चे अर्थों में ‘आर्य’ कहलाता है। विद्या की ओर उन्मुख होकर ही व्यक्ति अविद्या के दोषों से मुक्त हो सकता है।
आचार्य जी ने वर्ण व्यवस्था और आश्रम व्यवस्था पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की आधारशिला आश्रम व्यवस्था रही है, लेकिन कालांतर में अनेक कारणों से इसमें विकृति आई। आज आवश्यकता है कि हम इसे सरल और यथार्थ रूप में समझें और अपने जीवन में अपनाएं।
उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि इस कार्यक्रम में भाग लेकर न केवल वेद और संस्कृति की गहराई को समझें, बल्कि अपने बच्चों तक इस परंपरा को पहुंचाकर समाज और राष्ट्र की जड़ों को सुदृढ़ करें।
