युवा रचनाकार ने बढ़ाया जौनसारी संस्कृति का मान

पेहली जौनसारी फिक्चर फ़िल्म मेरे गांव की बाट के लिए लिखें सभी छः गीत यूट्यूब पर मचा रहें धमाल

चकराता (मुकेश जोशी)। जौनसार के खत बिशायल के दोऊ गांव के साधारण किसान परिवार से तालुक रखने वाले 40 वर्षीय युवा गीतकार श्याम सिंह चौहान नें पेहली जौनसारी फिक्चर के सभी पांच गीतों और अलाफो को अपनी लेखनी से रचित कर जौनसारी लोक संस्कृति का मान बढ़ाया है, इनके लिखें सभी गीतों को लोगों द्वारा खूब पसंद भी किया जा रहा।
फिक्चर फ़िल्म में 50 सदस्यों के संयुक्त परिवार के लिए एक चूल्हे पर खाना बनने, परोसने पर लिखें अलाफ और महिला सम्मान में सिर पर पहने जाने वाले डाटूं को निकाले जाने पर बर्षो पुरानें विवाद खत्म हों जाने पर लिखें अलाफ से दर्शकों के आँखों से आँशु टपकाने को मजबूर कर दिया था।
मेरे गांव की बाट जौनसारी पिक्चर फ़िल्म में गांव से पलायन को दृश्ता हुआ गीत जिसको लोकगायक सीताराम चौहान नें अपनी मधुर आवाज सवारा गया गीत दर्शकों द्वारा बेहद पसंद किया जा रहा है गीत को गांव में पलायन के बाद सुने पड़े पंचायती आँगन, खेत खलियानों को दर्शाया गया है.. ‘घुर्रो घुघती बुटु की छाँव दी…. मात्र एक माह के कम समय में 4 लाख लोगों द्वारा देखा जा चूका है जबकि भेडुड़िये तों बोलू माति…. 3 लाख कानों रे झुमके… सवा दो लाख जबकि टाइट गीत मेरे गांव की बाट को एक लाख लोग अब तक देख चूके है।
वर्ष 1998 से जौनसारी लोक संस्कृति, रीति रीवाज, बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं, देव आराधना, प्रेम प्रसंग आदि पर 300 से अधिक गीतों की रचना करने वाले श्याम सिंह चौहान नें बताया कि इससे पूर्व उन्होंने कभी भी फिल्मों के लिए गीत की रचना नहीं कि फ़िल्म के निर्देशक अनुज जोशी और कलम सिंह चौहान से पेहली जौनसारी फ़िल्म के लिए पहाड़ जैसी चुनौती को सहर्ष स्वीकार किया और तीन माह के कम समय में फ़िल्म के सभी पांचो गीतों और फ़िल्म के सभी अलाफो की रचना कर डाली और गीतों की धुनें तैयार करने में वरिष्ठ लोक गायक सीताराम चौहान नें एहम भूमिका का निर्वाह किया कहा कि बड़े पर्दे पर उनके लिखें गीतों को लोगों द्वारा इतना पसंद किया जायेगा इसका अंदाजा उनको भी नहीं था कि उत्तराखंड के मशहूर लोक सुप्रशिद्ध गायक नेगी द्वारा उनकी प्रसंसा की जाएगी।

श्याम सिंह चौहान के अब तक के सुपर हिट गीत

चालदा देवता की प्रवास यात्रा पर चालदे की बरांश…,छत्रधारी महासू देवा…,थान सेमोगी…, बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं पर आधारित-आऊ माइये तेरे…,पंडिता मामा…, बिमला…।

दर्जनों लोक गायको नें दी अपनी आवाज

गीतकार श्याम सिंह चौहान द्वारा रचित गीतों को जौनसार के वरिष्ठ लोकगायक सीताराम चौहान, अज्जू तोमर, अतर शाह,अभिनव चौहान,सन्नी दयाल, वीरेंद्र चौहान, खुशीराम जोशी, फकीरा सिंह चौहान,मीना राणा,परिमा राणा,रेशमा शाह,सीतारा वर्मा, संगीता डोंडियाल आदि लोक गायको नें अपनी मधुर आवाज से संवारा है।