भाजपा में लगातार बढ़ रहा सीएम धामी का कद
हरियाणा और जम्मू कश्मीर में आए विधानसभा चुनाव के नतीजों ने प्रदेश में धामी समर्थकों के चेहरे पर रौनक बिखेर दी है। हरियाणा में जिन-जिन विधानसभा सीटों पर सीएम धामी ने प्रचार किया वहां-वहां कांग्रेस का सूपड़ा साफ होता चला गया। कमोवेश जम्मू कश्मीर में भी यही हाल देखने को मिला जहां-जहां धामी ने चुनावी प्रचार किया वहां-वहां कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां पिछड़ती चली गई।
सीएम धामी की सादगी, हिंदुत्व और संस्कृति के प्रति गहरा जुड़ाव उनकी लोकप्रियता का मुख्य आधार है। उन्होंने न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में भी अपने नेतृत्व से यह साबित किया है कि वह जनता की भावनाओं को समझने में माहिर हैं। उनकी रैलियों में उमड़ती भीड़ और जनसमर्थन ने यह दर्शाया कि उनकी धर्मरक्षक छवि ने लोगों के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ी है।
धामी ने हरियाणा के महत्वपूर्ण चुनाव क्षेत्रों जैसे कालका, पंचकूला, गुरुग्राम, रोहतक, फरीदाबाद, और जम्मू-कश्मीर के सांबा, मढ़, और बसंतपुर में चुनाव प्रचार की कमान संभाली। उनके भाषणों ने जनता के दिलों में विश्वास और भरोसे की लहर पैदा कर दी। इसके परिणामस्वरूप, हरियाणा में जहां सीएम धामी ने प्रचार किया, वहां पर भाजपा की जीत का स्ट्राइक रेट अव्वल रहा वहीं जम्मू कश्मीर में भाजपा सिर्फ एक सीट पर पीछे रही।
सीएम धामी की लोकप्रियता ने हरियाणा में विपक्ष को किया पस्त
धामी की चुनावी सभाओं के बाद हरियाणा में विपक्ष खासकर कांग्रेस पार्टी का ग्राफ लगातार गिरता चला गया। कालका, पंचकूला, रेवाड़ी, सोहना, और बल्लभगढ़ जैसे इलाकों में जहां-जहां धामी ने अपनी सभाएं की, वहां कांग्रेस का कोई असर दिखाई नहीं दिया। धामी की लोकप्रियता ने हरियाणा में भाजपा को मजबूत और विपक्ष को कमजोर करने में अहम भूमिका निभाई।
जम्मू-कश्मीर में धामी की सभाओं ने खींची रैलियों में भीड़
जम्मू-कश्मीर के सांबा, मढ़ और बनी जैसी सीटों पर धामी का करिश्माई नेतृत्व साफ नजर आया। उनकी सभाओं में उमड़ी भीड़ ने साफ कर दिया कि धामी सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभर रहे हैं। उनकी सभाओं से जनता में नई ऊर्जा और आशा का संचार हुआ, जिससे भाजपा की जीत का प्रतिशत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
भाजपा में बढ़ा सीएम धामी का कद
सीएम पुष्कर सिंह धामी का नाम अब उत्तराखंड की सीमाओं को पार कर राष्ट्रीय राजनीति में भी उभरने लगा है। भाजपा में उन्हें अब एक ऐसे नेता के रूप में देखा जा रहा है, जो हिंदुत्व, संस्कृति और धर्म की रक्षा के मुद्दों पर अडिग रहते हुए विकास की राजनीति को भी साथ लेकर चल रहे हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी ने न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में भी अपनी जीत का परचम लहराया है। इससे पूर्व मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी सीएम धामी का चुनावी करिश्माई देखा गया था। साफ है कि सीएम धामी का नेतृत्व भाजपा के लिए एक नई दिशा और ऊर्जा का प्रतीक बन चुका है, और उनकी रणनीति ने साबित कर दिया कि उनके नेतृत्व में भाजपा और भी ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है।