पुलों के खंभों में आ चुकी हैं दरार
प्रबंध निदेशक ने भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंधित के लिए करने शासन को लिखा पत्र
विकासनगर (उत्तराखंड बोल रहा है)। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने बताया कि कहा डाकपत्थर बैराज से ढालीपुर-कुल्हाल विद्युत गृह तक शक्ति नहर पर बने पुलों का परीक्षण करने के उपरांत अपनी जांच रिपोर्ट में केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर) भारत सरकार ने उक्त पुलों के संबंध में जो रिपोर्ट सौंपी है ,वह बहुत ही चौंकाने वाली है।

पुलों के खंभों पर आई दरार
नेगी ने बताया कि रिपोर्ट में पुलों के पिलर्स (खंबो) में क्रैक आना, बेयरिंगों का जीर्ण-शीर्ण होना एवं रोलर बेयरिंगों का मिस एलाइंड होने का उल्लेख किया है तथा इसके अतिरिक्त इनको जीर्ण-शीर्ण श्रेणी में आंका गया है ,जो की बहुत ही चिंता का विषय है।

जिम्मेदारों के कानों पर नहीं रेंगी जूं
पुलों की दयनीय हालत को लेकर मोर्चा द्वारा सचिव, ऊर्जा को ज्ञापन सौंप कर उक्त गंभीर मामले की जांच कराये जाने एवं नए पुलों का निर्माण का आग्रह किया गया था, जिसके क्रम में रिपोर्ट एमडी, यूजेवीएनएल ने सचिव, ऊर्जा को प्रेषित की है। यूजेवीएनएल द्वारा भी जिला प्रशासन, उप जिलाधिकारी, खान अधिकारी आदि तमाम अधिकारियों को उक्त पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित करने को पत्र लिखा गया है, लेकिन इनके कानों में जूं नहीं रेंग रही। रिपोर्ट में सिर्फ हल्के वाहनों की आवाजाही पर जोर दिया गया है।

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रिपोर्ट्स के अनुसार पुलों पर भारी वाहनों (उप खनिज से भरे वाहनों) की आवाजाही किसी भी समय बहुत बड़े हादसे का कारण बन सकती है। मोर्चा ने शासन से सीएसआईआई की रिपोर्ट एवं एमडी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर पुलों पर भारी वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर वैकल्पिक रास्ते की मांग की, जिससे राष्ट्रीय धरोहरों को बचाया जा सके। रघुनाथ सिंह नेगी, जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष