Uttarakhand के सरकारी स्कूलों (Govt. School) में पढ़ने वाले छात्र अब राज्य आंदोलन के साथ ही कारगिल के अमर शहीदों के बलिदान को भी पढ़ेंगे।
कक्षा छह से आठ तक के छात्रों को यह इतिहास पढ़ाया जाएगा। दरअसल, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने हमारी विरासत और विभूतियां पुस्तक तैयार की है। इस पुस्तक में उत्तराखंड की विभिन्न विभूतियों के साथ ही प्रदेश के झील, झरने, वेशभूषा, खानपान और संस्कृति की जानकारी को भी सम्मिलित किया गया है।
बीते मंगलवार को महानिदेशक बंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में हुई विभाग की बैठक में इस पुस्तक का प्रस्तुतीकरण दिया गया।
राज्य की इन विभूतियों को पढ़ेंगे छात्र
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, पुस्तक में छात्र राज्य की विभूतियों कालीकुमाऊं के क्रांतिकारी कालू मेहरा, वीरभड़ माधो सिंह भंडारी, पुरिया नैथानी, वीर केसरीचंद, सोबन सिंह जीना, मुंशी हरि प्रसाद टम्टा, खुशीराम आर्य, राज्य आंदोलनकारी हंसा धनाई व बेलमति चौहान, नागेंद्र सकलानी व मोली भरदारी, कारगिल शहीद मेजर राजेश अधिकारी, मेजर विवेक गुप्ता, अशोक चंद्र विजेता गजेंद्र सिंह बिष्ट, विपिन त्रिपाठी, रानी कर्णावती, टिनचरी माई, बद्रीदत्त पांडे, गिरीश तिवारी गिर्दा, गंगोत्री गर्ब्याल , महादानी जसोली सोकियाण, महाकवि चंद्रकुंवर बतर्वाल, कबूतरी देवी आदि की जीवनी को समाहित किया गया है।