ब्लैकमेलिंग, हत्या का प्रयास , बिजली चोरी वाले विधायकों को भी मिलेगा राजकीय सम्मान
फर्जीवाड़ा व भूमि हथियाने वाले भी होंगे सम्मान के पात्र
खनन-शराब -नशा माफिया विधायक भी होंगे सम्मान के पात्र
सरकार हो चुकी मानसिक रूप से दिवालिया
राजभवन ले मामले का संज्ञान
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सरकार द्वारा विधायकों के निधन पर उनकी अंत्येष्टि में राजकीय सम्मान देने का प्रावधान किया है, जोकि निश्चित तौर पर प्रदेश को कलंकित करने जैसा है |
तो दागियों को भी मिलेगा राजकीय सम्मान
नेगी ने सरकार से सवाल किया कि जिन विधायकों पर यौन शोषण, ब्लैकमेलिंग, दुराचार, बिजली चोरी, हत्या के प्रयास, जलसाजी , कूट रचित दस्तावेज तैयार करने, जबरन भूमि हड़पने आदि के मुकदमे दर्ज हुए हों, ऐसे विधायकों की अंत्येष्टि अगर राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी तो यह सम्मान निश्चित तौर पर प्रदेश की जनता का बहुत बड़ा दुर्भाग्य होगा |
कभी थे खाने के लाले आज हैं करोड़पति
नेगी ने कहा सरकार को ऐसे दागी विधायकों में क्या दिखा कि इनके सर पर ताज पहनाने की सोच ली ! इसके साथ-साथ ऐसे विधायक, जिनके पास 15- 20 साल पहले खाने के लाले पड़े थे, आज सैकड़ों करोड रुपए की काली कमाई करके करोड़पति -अरबपति बन बैठे हैं, जनता के साथ खिलवाड़ होगा | आलम यह है कि सरकार ने राष्ट्रीय सम्मान जैसे पवित्र शब्द /सम्मान को तार- तार करने का काम किया है | मोर्चा सरकार के इस फैसले से कुछ हद तक सहमत है कि सामाजिक सरोकार की लड़ाई लड़ने वालों को भी राजकीय सम्मान दिया जाएगा, लेकिन इसमें भी ईमानदार एवं उच्च आदर्श वालों को ही सम्मान दिया जाना चाहिए, न कि माफिया एवं दुराचारी समाज सेवकों को ! सरकार अगर सम्मान देना चाहती है तो ईमानदार एवं सिद्धांतवादी विधायकों को कोई भी सुविधा दे, इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी। सरकार के इस कृत्य से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार मानसिक संतुलन खो बैठी है| नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि अगर बदमाशो- लुटेरों को ही सम्मान देना है तो हिस्ट्री शीटर- हत्यारों- माफियाओं को भी क्यों नहीं दे देते राजकीय सम्मान ! मोर्चा मानसिक संतुलन खो चुकी इस सरकार के कृत्य की घोर निंदा करता है | मोर्चा राजभवन से मांग करता है कि इस मामले का संज्ञान ले | पत्रकार वार्ता में- दिलबाग सिंह व प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे