जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक बनाना संविधान और परंपराओं के खिलाफ: नवप्रभात

आरोप: जिला पंचायत के भारी भरकम बजट को खुर्द करने की है मंशा

विकासनगर। पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने अपने निजी आवास में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश सरकार द्वारा जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक के रूप में नियुक्त किए जाने का कड़ा विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सिर्फ जिला पंचायत के भारी भरकम बजट को खुर्द करने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि विधिक व्यवस्था के तहत जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक के रूप में नियुक्त नहीं किया जा सकता। सरकार के स्तर से पंचायत के चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, कार्यकाल खत्म होने पर आपातकाल की स्थिति में केवल किसी अधिकारी को ही प्रशासक के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन सरकार ने ऐसा ना कर तमाम व्यवस्थाओं को तोड़कर विधिक विरुद्ध कार्य किया है। उन्होंने सरकार के इस कदम को नैसर्गिक न्याय, संविधान, पंचायत राज एक्ट और परंपराओं के विरुद्ध बताया। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा में खोट है। जिला पंचायतों में बहुत बड़े बजट की राशि उपलब्ध है। जल्दबाजी में मीटिंग कर जिला पंचायतों में एक साल की योजनाएं स्वीकृत कर ली गई हैं। बजट को खुर्द करने के लिए अधिकारियों के बजाय प्रशासकों के रूप में जिला पंचायत अध्यक्षों को नियुक्त किया गया है। कहा कि यह तमाम व्यवस्थाएं विधि के विरुद्ध हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार चुनाव कराने से डरती है, भाजपा ईवीएम पर भरोसा करती है, क्योंकि पंचायत के चुनाव बैलेट से होने हैं और यदि चुनाव बैलेट से होंगे तो भाजपा कभी नहीं जीतेगी। इस मौके पर प्रदेश सचिव विकास शर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष संजय किशोर, शम्मी प्रकाश, कुंवर पाल सिंह, अभिनव कुमार ठाकुर, धीरज बॉबी नौटियाल, संजय जैन, मोहित बिष्ट,जितेंद्र रावत, हिमकर गुप्ता आदि मौजूद रहे।