औद्योगिक इकाइयों में राज्य आंदोलनकारी को मिले नौकरियों में प्राथमिकता: मोर्चा

सरकारी नौकरियों का कोटा हो चुका लगभग खत्म !

नौकरियां तो पहले ही माफिया/ सेटिंगबाज लूट ले गए !

राज्य निर्माण से क्या मिला आंदोलनकारियों को!

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि राज्य निर्माण के इन 24-25 वर्षों में जिस मकसद से राज्य का निर्माण अपनी जान पर खेलकर आंदोलनकारियों ने साकार किया था, वो सपना सरकारी नौकरियों को माफियाओं एवं सेटिंग बाजों द्वारा लूटने के पश्चात लगभग खत्म हो चुका है |सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आज भी पहाड़ विकास की रहा बाट रहे हैं | नेगी ने कहा कि ऐसे समय में जब सरकारी नौकरियों का कोटा लगभग खत्म हो चुका है तथा रोजगार का कोई अन्य साधन राज्य आंदोलनकारी एवं उनके आश्रितों को नहीं दिख रहा है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि औद्योगिक इकाइयों (फैक्ट्रीज) में इनको नौकरियों में योग्यता के आधार पर प्राथमिकता दे,जिससे इनका मान सम्मान हो सके तथा ये अपने परिवार का भरण -पोषण कर सकें| वैसे तो पूर्ववर्ती सरकार द्वारा औद्योगिक इकाइयों में 70 फ़ीसदी स्थानीय युवाओं हेतु आरक्षण की व्यवस्था है, लेकिन सब हवा हवाई है | मोर्चा सरकार से मांग करता है कि इस मसले पर गंभीरता से विचार कर आंदोलनकारियों के साथ न्याय करने का काम करे | पत्रकार वार्ता में -मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व विजय राम शर्मा मौजूद थे |