मुख्य सचिव ने दिए हुए हैं जांच के आदेश
UJVNL ने डाकपत्थर बैराज की डाउनस्ट्रीम, गेट आदि के कार्यों के लिए फिर से करोड़ों के टेंडर निकाल दिए हैं। 20 दिसंबर को टेंडर डालने की तिथि निर्धारित की गई है, जबकि यह कार्य दो साल पूर्व करीब 9 करोड़ की लागत से करवाए हुए दिखाए जा चुके हैं।
कंस्ट्रक्शन गैलरी के सविंद्र कुमार आनंद का कहना है कि इसी कार्य के लिए बीती 18 जून को टेंडर लगाए गए थे। तब 12 जून को इस मामले की शिकायत उनके द्वारा मुख्य सचिव से की गई थी। जिस पर मुख्य सचिव ने जांच के साथ ही टेंडर को निरस्त करने के आदेश दिए थे।
उन्होंने कहा कि अभी जांच का कुछ अता पता नहीं है और निगम प्रबंधन ने सरकारी धन को ठिकाने लगाने के लिए फिर से टेंडर लगा दिए गए हैं।
उन्होंने परियोजना जानपद अनुरक्षण खंड यमुना वैली डाकपत्थर के अधिशासी अभियंता को फिर से पत्र भेजकर टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है, उसके बावजूद निगम प्रबंधन मुख्य सचिव के आदेशों को दर किनार कर टेंडर निकालने में आमादा है। सविंद्र कुमार आनंद ने कहा कि मई 2019 में लगभग 6 करोड़ की लागत के टेंडर डाकपत्थर बैराज की डाउनस्ट्रीम और गेट आदि कार्य के लिए हुए थे।
काम एक साल में पूरा होना था, लेकिन आनन फानन में इस कार्य को मात्र 21 दिन में पूरा दिखा कर बंदर बांट की गई। छह करोड़ पर अनुबंध गठित कर नौ करोड़ पर समाप्त किया गया।
उन्होंने कहा कि यदि टेंडर निरस्त नहीं हुए तो वे कोर्ट की शरण लेने को मजबूर होंगे। कहा कि यही कार्य वर्ष 2017 में ढाई करोड का अनुबंध गठित कर चार करोड़ में संपन्न कराया गया।
इससे पहले राहुल- प्रियंका गांधी सेना (कांग्रेस) और ह्यूमन राइट्स आरटीआई एसोसिएशन भी प्रकरण की जांच की मांग कर चुकी हैं।