नंदा देवी राजजात यात्रा: तैयारियों को लेकर हुई अहम बैठक, समन्वय और सुरक्षा पर विशेष जोर
देहरादून/गोपेश्वर।
नंदा देवी राजजात यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए। अधिकारियों को कहा गया कि यात्रा की व्यवस्थाएं जन प्रतिनिधियों, नंदा राजजात यात्रा समिति के सदस्यों और विभिन्न हितधारकों के सुझावों को सम्मिलित कर बनाई जाएं, जिससे जनभावनाओं का सम्मान भी हो और संचालन भी सुचारु रहे।

बैठक में यात्रा की रूपरेखा को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। निर्देश दिए गए कि पूर्ववर्ती यात्राओं के अनुभवों से सीख लेते हुए ठहराव, भोजन, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं को और बेहतर किया जाए। यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के साथ ही, संचार सेवाओं को मजबूत करने और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम विकसित करने पर भी जोर दिया गया।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए हेल्पलाइन नंबर जारी करने, मेडिकल कैंप स्थापित करने और डॉक्टरों की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए। इसके साथ ही, यात्रा से जुड़ी लोककथाओं और लोकगीतों के अभिलेखीकरण पर भी विशेष ध्यान देने की बात कही गई ताकि इस सांस्कृतिक धरोहर को सहेजा जा सके।
पर्यटन विभाग को यात्रा के प्रमुख पड़ावों का प्रचार-प्रसार व्यापक स्तर पर करने और सोशल मीडिया सहित विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। साथ ही, पार्किंग स्थलों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और प्रदेश के उन क्षेत्रों में जरूरी आधारभूत सेवाएं मजबूत करने को कहा गया, जहां से श्रद्धालु और डोलियां यात्रा में सम्मिलित होती हैं।
नंदा देवी राजजात उत्तराखंड की धार्मिक, सांस्कृतिक और लोक परंपराओं का प्रतीक है और इसे सफल बनाने के लिए शासन, प्रशासन और जन सहयोग की सामूहिक जिम्मेदारी तय की गई है।