फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाला शिक्षक गिरफ्तार, 1993 से कर रहा था सेवाएं

प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाला शिक्षक गिरफ्तार, 1993 से कर रहा था सेवाएं
रिखणीखाल पुलिस ने कोटद्वार से दबोचा, न्यायालय में पेशी के बाद आगे की कार्रवाई जारी

कोटद्वार/पौड़ी। उत्तराखंड में शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की एक बड़ी मिसाल सामने आई है। रिखणीखाल थाने की पुलिस ने फर्जी इंटरमीडिएट प्रमाण पत्र के आधार पर वर्ष 1993 में शिक्षक पद पर नियुक्त हुए दिनेश सिंह रावत को गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के अनुसार, दिनेश सिंह रावत ने इंटरमीडिएट का कूटरचित प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर शिक्षक पद पर नियुक्ति प्राप्त की थी। मामले की जांच के दौरान प्रस्तुत प्रमाण पत्रों की सत्यता को लेकर संदेह हुआ, जिसके बाद विस्तृत जांच की गई। जांच में यह स्पष्ट हो गया कि उसके शैक्षिक प्रमाण पत्र जाली हैं और गलत जानकारी के आधार पर उसने सरकारी नौकरी हासिल की थी।

पुलिस ने आरोपी को कोटद्वार से गिरफ्तार कर थाना रिखणीखाल लाया, जहां से उसे विधिक कार्रवाई के तहत न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। मामले में आगे की वैधानिक कार्यवाही प्रचलित है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत सख्त कार्रवाई की जा रही है। जांच में शामिल अन्य दस्तावेजों व संलिप्त व्यक्तियों की भी पड़ताल की जा रही है।

(सूत्र: रिखणीखाल थाना पुलिस)